فَلَمَّا عَتَوۡاْ عَن مَّا نُهُواْ عَنۡهُ قُلۡنَا لَهُمۡ كُونُواْ قِرَدَةً خَٰسِـِٔينَ
फिर जिस बात की उन्हें मुमानिअत (रोक) की गई थी जब उन लोगों ने उसमें सरकशी की तो हमने हुक्म दिया कि तुम ज़लील और ख़्वार (धुत्कारे) हुए बन्दर बन जाओ (और वह बन गए)
Author: Suhel Farooq Khan And Saifur Rahman Nadwi