Surah Al-Araf Verse 20 - Hindi Translation by Muhammad Farooq Khan And Muhammad Ahmed
Surah Al-Arafفَوَسۡوَسَ لَهُمَا ٱلشَّيۡطَٰنُ لِيُبۡدِيَ لَهُمَا مَا وُۥرِيَ عَنۡهُمَا مِن سَوۡءَٰتِهِمَا وَقَالَ مَا نَهَىٰكُمَا رَبُّكُمَا عَنۡ هَٰذِهِ ٱلشَّجَرَةِ إِلَّآ أَن تَكُونَا مَلَكَيۡنِ أَوۡ تَكُونَا مِنَ ٱلۡخَٰلِدِينَ
फिर शैतान ने दोनों को बहकाया, ताकि उनकी शर्मगाहों को, जो उन दोनों से छिपी थीं, उन दोनों के सामने खोल दे। और उसने (इबलीस ने) कहा, "तुम्हारे रब ने तुम दोनों को जो इस वृक्ष से रोका है, तो केवल इसलिए कि ऐसा न हो कि तुम कहीं फ़रिश्ते हो जाओ या कही ऐसा न हो कि तुम्हें अमरता प्राप्त हो जाए।