और जो शैतानों के भाई हैं, वे उन्हें कुपथ में खींचते जाते हैं, फिर (उन्हें कुपथ करने में) तनिक भी कमी (आलस्य) नहीं करते।
Author: Maulana Azizul Haque Al Umari