وَإِذَا قُرِئَ ٱلۡقُرۡءَانُ فَٱسۡتَمِعُواْ لَهُۥ وَأَنصِتُواْ لَعَلَّكُمۡ تُرۡحَمُونَ
और ईमानदार लोगों के वास्ते हिदायत और रहमत हैं (लोगों) जब क़ुरान पढ़ा जाए तो कान लगाकर सुनो और चुपचाप रहो ताकि (इसी बहाने) तुम पर रहम किया जाए
Author: Suhel Farooq Khan And Saifur Rahman Nadwi