Surah Al-Araf Verse 38 - Hindi Translation by Maulana Azizul Haque Al Umari
Surah Al-Arafقَالَ ٱدۡخُلُواْ فِيٓ أُمَمٖ قَدۡ خَلَتۡ مِن قَبۡلِكُم مِّنَ ٱلۡجِنِّ وَٱلۡإِنسِ فِي ٱلنَّارِۖ كُلَّمَا دَخَلَتۡ أُمَّةٞ لَّعَنَتۡ أُخۡتَهَاۖ حَتَّىٰٓ إِذَا ٱدَّارَكُواْ فِيهَا جَمِيعٗا قَالَتۡ أُخۡرَىٰهُمۡ لِأُولَىٰهُمۡ رَبَّنَا هَـٰٓؤُلَآءِ أَضَلُّونَا فَـَٔاتِهِمۡ عَذَابٗا ضِعۡفٗا مِّنَ ٱلنَّارِۖ قَالَ لِكُلّٖ ضِعۡفٞ وَلَٰكِن لَّا تَعۡلَمُونَ
अल्लाह का आदेश होगा कि तुम भी प्रवेश कर जाओ, उन समुदायों में, जो तुमसे पहले के जिन्नों और मनुष्यों में से नरक में। जब भी कोई समुदाय नरक में प्रवेश करेगा, तो अपने समान दूसरे समुदाय को धिक्कार करेगा, यहाँ तक कि जब उसमें सब एकत्र हो जायेंगे, तो उनका पिछला अपने पहले के लिए कहेगाः हे हमारे पालनहार! इन्होंने ही हमें कुपथ किया है। अतः इन्हें दुगनी यातना दे। वह (अल्लाह) कहेगाः तुममें से प्रत्येक के लिए दुगनी यातना है, परन्तु तुम्हें ज्ञान नहीं।