Surah Al-Araf Verse 46 - Hindi Translation by Maulana Azizul Haque Al Umari
Surah Al-Arafوَبَيۡنَهُمَا حِجَابٞۚ وَعَلَى ٱلۡأَعۡرَافِ رِجَالٞ يَعۡرِفُونَ كُلَّۢا بِسِيمَىٰهُمۡۚ وَنَادَوۡاْ أَصۡحَٰبَ ٱلۡجَنَّةِ أَن سَلَٰمٌ عَلَيۡكُمۡۚ لَمۡ يَدۡخُلُوهَا وَهُمۡ يَطۡمَعُونَ
और दोनों (नरक तथा स्वर्ग) के बीच एक परदा होगा और कुछ लोग आराफ़[1] (ऊँचाइयों) पर होंगे, जो प्रत्येक को उनके लक्षणों से पहचानेंगे और स्वर्ग वासियों को पुकारकर उन्हें सलाम करेंगे और उन्होंने उसमें प्रवेश नहीं किया होगा, परन्तु उसकी आशा रखते होंगे।