وَلَقَدۡ جِئۡنَٰهُم بِكِتَٰبٖ فَصَّلۡنَٰهُ عَلَىٰ عِلۡمٍ هُدٗى وَرَحۡمَةٗ لِّقَوۡمٖ يُؤۡمِنُونَ
जबकि हमने उनके लिए एक ऐसी पुस्तक दी, जिसे हमने ज्ञान के आधार पर सविस्तार वर्णित कर दिया है, जो मार्गदर्शन तथा दया है, उन लोगों के लिए, जो ईमान (विश्वास) रखते हैं।
Author: Maulana Azizul Haque Al Umari