Surah Al-Araf Verse 57 - Hindi Translation by Maulana Azizul Haque Al Umari
Surah Al-Arafوَهُوَ ٱلَّذِي يُرۡسِلُ ٱلرِّيَٰحَ بُشۡرَۢا بَيۡنَ يَدَيۡ رَحۡمَتِهِۦۖ حَتَّىٰٓ إِذَآ أَقَلَّتۡ سَحَابٗا ثِقَالٗا سُقۡنَٰهُ لِبَلَدٖ مَّيِّتٖ فَأَنزَلۡنَا بِهِ ٱلۡمَآءَ فَأَخۡرَجۡنَا بِهِۦ مِن كُلِّ ٱلثَّمَرَٰتِۚ كَذَٰلِكَ نُخۡرِجُ ٱلۡمَوۡتَىٰ لَعَلَّكُمۡ تَذَكَّرُونَ
और वही है, जो अपनी दया (वर्षा) से पहले वायुओं को (वर्षा) की शुभ सूचना देने के लिए भेजता है और जब वे भारी बादलों को लिए उड़ती हैं, तो हम उसे किसी निर्जीव धरती को (जीवित) करने के लिए पहुँचा देते हैं, फिर उससे जल वर्षा कर, उसके द्वारा प्रत्येक प्रकार के फल उपजा देते हैं। इसी प्रकार, हम मुर्दों को जीवित करते हैं, ताकि तुम शिक्षा ग्रहण कर सको।