Surah Al-Araf Verse 73 - Hindi Translation by Maulana Azizul Haque Al Umari
Surah Al-Arafوَإِلَىٰ ثَمُودَ أَخَاهُمۡ صَٰلِحٗاۚ قَالَ يَٰقَوۡمِ ٱعۡبُدُواْ ٱللَّهَ مَا لَكُم مِّنۡ إِلَٰهٍ غَيۡرُهُۥۖ قَدۡ جَآءَتۡكُم بَيِّنَةٞ مِّن رَّبِّكُمۡۖ هَٰذِهِۦ نَاقَةُ ٱللَّهِ لَكُمۡ ءَايَةٗۖ فَذَرُوهَا تَأۡكُلۡ فِيٓ أَرۡضِ ٱللَّهِۖ وَلَا تَمَسُّوهَا بِسُوٓءٖ فَيَأۡخُذَكُمۡ عَذَابٌ أَلِيمٞ
और (इसी प्रकार) समूद[1] (जाति) के पास उनके भाई सालेह़ को भेजा। उसने कहाः हे मेरी जाति! अल्लाह की (वंदना) करो, उसके सिवा तुम्हारा कोई पूज्य नहीं। तुम्हारे पास तुम्हारे पालनहार की ओर से खुला प्रमाण (चमत्कार) आ गया है। ये अल्लाह की ऊँटनी तुम्हारे लिए एक चमत्कार[2] है। अतः इसे अल्लाह की धरती में चरने के लिए छोड़ दो और इसे बुरे विचार से हाथ न लगाना, अन्यथा तुम्हें दुःखदायी यातना घेर लेगी।