Surah Al-Araf Verse 77 - Hindi Translation by Maulana Azizul Haque Al Umari
Surah Al-Arafفَعَقَرُواْ ٱلنَّاقَةَ وَعَتَوۡاْ عَنۡ أَمۡرِ رَبِّهِمۡ وَقَالُواْ يَٰصَٰلِحُ ٱئۡتِنَا بِمَا تَعِدُنَآ إِن كُنتَ مِنَ ٱلۡمُرۡسَلِينَ
फिर उन्होंने ऊँटनी को वध कर दिया और अपने पालनहार के आदेश का उल्लंघन किया और कहाः हे सालेह़! तू हमें जिस (यातना) की धमकी दे रहा था, उसे ले आ, यदि तू वास्तव में रसूलों में है।