Surah Al-Araf Verse 93 - Hindi Translation by Maulana Azizul Haque Al Umari
Surah Al-Arafفَتَوَلَّىٰ عَنۡهُمۡ وَقَالَ يَٰقَوۡمِ لَقَدۡ أَبۡلَغۡتُكُمۡ رِسَٰلَٰتِ رَبِّي وَنَصَحۡتُ لَكُمۡۖ فَكَيۡفَ ءَاسَىٰ عَلَىٰ قَوۡمٖ كَٰفِرِينَ
तो शोऐब उनसे विमुख हो गया तथा कहाः हे मेरी जाति! मैंने तुम्हें अपने पालनहार के संदेश पहुँचा दिये, तथा तुम्हारा हितकारी रहा। तो काफ़िर जाति (के विनाश) पर कैसे शोक करूँ