لِّيَعۡلَمَ أَن قَدۡ أَبۡلَغُواْ رِسَٰلَٰتِ رَبِّهِمۡ وَأَحَاطَ بِمَا لَدَيۡهِمۡ وَأَحۡصَىٰ كُلَّ شَيۡءٍ عَدَدَۢا
ताकि वह देख ले कि उन्होंने पहुँचा दिये हैं अपने पालनहार के उपदेश[1] और उसने घेर रखा है, जो कुछ उनके पास है और प्रत्येक वस्तु को गिन रखा है।
Author: Maulana Azizul Haque Al Umari