فَأَمَّا ٱلۡإِنسَٰنُ إِذَا مَا ٱبۡتَلَىٰهُ رَبُّهُۥ فَأَكۡرَمَهُۥ وَنَعَّمَهُۥ فَيَقُولُ رَبِّيٓ أَكۡرَمَنِ
परन्तु, जब इन्सान की उसका पालनहार परीक्षा लेता है और उसे सम्मान और धन देता है, तो कहता है कि मेरे पालनहार ने मेरा सम्मान किया।
Author: Maulana Azizul Haque Al Umari