Surah At-Taubah Verse 29 - Hindi Translation by Maulana Azizul Haque Al Umari
Surah At-Taubahقَٰتِلُواْ ٱلَّذِينَ لَا يُؤۡمِنُونَ بِٱللَّهِ وَلَا بِٱلۡيَوۡمِ ٱلۡأٓخِرِ وَلَا يُحَرِّمُونَ مَا حَرَّمَ ٱللَّهُ وَرَسُولُهُۥ وَلَا يَدِينُونَ دِينَ ٱلۡحَقِّ مِنَ ٱلَّذِينَ أُوتُواْ ٱلۡكِتَٰبَ حَتَّىٰ يُعۡطُواْ ٱلۡجِزۡيَةَ عَن يَدٖ وَهُمۡ صَٰغِرُونَ
(हे ईमान वालो!) उनसे युध्द करो, जो न तो अल्लाह (सत्य) पर ईमान लाते हैं और न अन्तिम दिन (प्रलय) पर और न जिसे, अल्लाह और उसके रसूल ने ह़राम (वर्जित) किया है, उसे ह़राम (वर्जित) समझते हैं, न सत्धर्म को अपना धर्म बनाते हैं, उनमें से जो पुस्तक दिये गये हैं, यहाँ तक कि वे अपने हाथ से जिज़या[1] दें और वे अपमानित होकर रहें।