عَفَا ٱللَّهُ عَنكَ لِمَ أَذِنتَ لَهُمۡ حَتَّىٰ يَتَبَيَّنَ لَكَ ٱلَّذِينَ صَدَقُواْ وَتَعۡلَمَ ٱلۡكَٰذِبِينَ
(हे नबी!) अल्लाह आपको क्षमा करे! आपने उन्हें अनुमति क्यों दे दी? यहाँ तक कि आपके लिए जो सच्चे हैं, उजागर हो जाते और झूठों को जान लेते
Author: Maulana Azizul Haque Al Umari