Surah At-Taubah Verse 55 - Hindi Translation by Muhammad Farooq Khan And Muhammad Ahmed
Surah At-Taubahفَلَا تُعۡجِبۡكَ أَمۡوَٰلُهُمۡ وَلَآ أَوۡلَٰدُهُمۡۚ إِنَّمَا يُرِيدُ ٱللَّهُ لِيُعَذِّبَهُم بِهَا فِي ٱلۡحَيَوٰةِ ٱلدُّنۡيَا وَتَزۡهَقَ أَنفُسُهُمۡ وَهُمۡ كَٰفِرُونَ
अतः उनके माल तुम्हें मोहित न करें और न उनकी सन्तान ही। अल्लाह तो बस यह चाहता है कि उनके द्वारा उन्हें सांसारिक जीवन में यातना दे और उनके प्राण इस दशा में निकलें कि वे इनकार करनेवाले ही रहे