Surah At-Taubah Verse 61 - Hindi Translation by Muhammad Farooq Khan And Muhammad Ahmed
Surah At-Taubahوَمِنۡهُمُ ٱلَّذِينَ يُؤۡذُونَ ٱلنَّبِيَّ وَيَقُولُونَ هُوَ أُذُنٞۚ قُلۡ أُذُنُ خَيۡرٖ لَّكُمۡ يُؤۡمِنُ بِٱللَّهِ وَيُؤۡمِنُ لِلۡمُؤۡمِنِينَ وَرَحۡمَةٞ لِّلَّذِينَ ءَامَنُواْ مِنكُمۡۚ وَٱلَّذِينَ يُؤۡذُونَ رَسُولَ ٱللَّهِ لَهُمۡ عَذَابٌ أَلِيمٞ
और उनमें कुछ लोग ऐसे हैं, जो नबी को दुख देते है और कहते है, "वह तो निरा कान है!" कह दो, "वह सर्वथा कान तुम्हारी भलाई के लिए है। वह अल्लाह पर ईमान रखता है और ईमानवालों पर भी विश्वास करता है। और उन लोगों के लिए सर्वथा दयालुता है जो तुममें से ईमान लाए है। रहे वे लोग जो अल्लाह के रसूल को दुख देते है, उनके लिए दुखद यातना है।