Surah Al-Qadr - Hindi Translation by Suhel Farooq Khan And Saifur Rahman Nadwi
إِنَّآ أَنزَلۡنَٰهُ فِي لَيۡلَةِ ٱلۡقَدۡرِ
हमने (इस कुरान) को शबे क़द्र में नाज़िल (करना शुरू) किया
Surah Al-Qadr, Verse 1
وَمَآ أَدۡرَىٰكَ مَا لَيۡلَةُ ٱلۡقَدۡرِ
और तुमको क्या मालूम शबे क़द्र क्या है
Surah Al-Qadr, Verse 2
لَيۡلَةُ ٱلۡقَدۡرِ خَيۡرٞ مِّنۡ أَلۡفِ شَهۡرٖ
शबे क़द्र (मरतबा और अमल में) हज़ार महीनो से बेहतर है
Surah Al-Qadr, Verse 3
تَنَزَّلُ ٱلۡمَلَـٰٓئِكَةُ وَٱلرُّوحُ فِيهَا بِإِذۡنِ رَبِّهِم مِّن كُلِّ أَمۡرٖ
इस (रात) में फ़रिश्ते और जिबरील (साल भर की) हर बात का हुक्म लेकर अपने परवरदिगार के हुक्म से नाज़िल होते हैं
Surah Al-Qadr, Verse 4
سَلَٰمٌ هِيَ حَتَّىٰ مَطۡلَعِ ٱلۡفَجۡرِ
ये रात सुबह के तुलूअ होने तक (अज़सरतापा) सलामती है
Surah Al-Qadr, Verse 5