Surah Al-Zalzala - Hindi Translation by Muhammad Farooq Khan And Muhammad Ahmed
إِذَا زُلۡزِلَتِ ٱلۡأَرۡضُ زِلۡزَالَهَا
जब धरती इस प्रकार हिला डाली जाएगी जैसा उसे हिलाया जाना है
Surah Al-Zalzala, Verse 1
وَأَخۡرَجَتِ ٱلۡأَرۡضُ أَثۡقَالَهَا
और धरती अपने बोझ बाहर निकाल देगी
Surah Al-Zalzala, Verse 2
وَقَالَ ٱلۡإِنسَٰنُ مَا لَهَا
और मनुष्य कहेगा, "उसे क्या हो गया है
Surah Al-Zalzala, Verse 3
يَوۡمَئِذٖ تُحَدِّثُ أَخۡبَارَهَا
उस दिन वह अपना वृत्तांत सुनाएगी
Surah Al-Zalzala, Verse 4
بِأَنَّ رَبَّكَ أَوۡحَىٰ لَهَا
इस कारण कि तुम्हारे रब ने उसे यही संकेत किया होगा
Surah Al-Zalzala, Verse 5
يَوۡمَئِذٖ يَصۡدُرُ ٱلنَّاسُ أَشۡتَاتٗا لِّيُرَوۡاْ أَعۡمَٰلَهُمۡ
उस दिन लोग अलग-अलग निकलेंगे, ताकि उन्हें कर्म दिखाए जाएँ
Surah Al-Zalzala, Verse 6
فَمَن يَعۡمَلۡ مِثۡقَالَ ذَرَّةٍ خَيۡرٗا يَرَهُۥ
अतः जो कोई कणभर भी नेकी करेगा, वह उसे देख लेगा
Surah Al-Zalzala, Verse 7
وَمَن يَعۡمَلۡ مِثۡقَالَ ذَرَّةٖ شَرّٗا يَرَهُۥ
और जो कोई कणभर भी बुराई करेगा, वह भी उसे देख लेगा
Surah Al-Zalzala, Verse 8