Surah Hud Verse 28 - Hindi Translation by Maulana Azizul Haque Al Umari
Surah Hudقَالَ يَٰقَوۡمِ أَرَءَيۡتُمۡ إِن كُنتُ عَلَىٰ بَيِّنَةٖ مِّن رَّبِّي وَءَاتَىٰنِي رَحۡمَةٗ مِّنۡ عِندِهِۦ فَعُمِّيَتۡ عَلَيۡكُمۡ أَنُلۡزِمُكُمُوهَا وَأَنتُمۡ لَهَا كَٰرِهُونَ
उस (अर्थात् नूह़) ने कहाः हे मेरी जाति के लोगो! तुमने इस बात पर विचार किया कि यदि मैं अपने पालनहार की ओर से एक स्पष्ट प्रमाण पर हूँ और मुझे उसने अपने पास से एक दया[1] प्रदान की हो, फिर वह तुम्हें सुझायी न दे, तो क्या हम उसे तुमसे चिपका[2] दें, जबकि तुम उसे नहीं चाहते