Surah Hud Verse 29 - Hindi Translation by Maulana Azizul Haque Al Umari
Surah Hudوَيَٰقَوۡمِ لَآ أَسۡـَٔلُكُمۡ عَلَيۡهِ مَالًاۖ إِنۡ أَجۡرِيَ إِلَّا عَلَى ٱللَّهِۚ وَمَآ أَنَا۠ بِطَارِدِ ٱلَّذِينَ ءَامَنُوٓاْۚ إِنَّهُم مُّلَٰقُواْ رَبِّهِمۡ وَلَٰكِنِّيٓ أَرَىٰكُمۡ قَوۡمٗا تَجۡهَلُونَ
और हे मेरी जाति के लोगो! मैं इस (सत्य के प्रचार) पर तुमसे कोई धन नहीं माँगता। मेरा बदला तो अल्लाह के ऊपर है और मैं उन्हें (अपने यहाँ से) धुतकार नहीं सकता, जो ईमान लाये हैं, निश्चय वे अपने पालनहार से मिलने वाले हैं, परन्तु मैं देख रहा हूँ कि तुम जाहिलों जैसी बातें कर रहे हो।