Surah Ar-Rad Verse 4 - Hindi Translation by Maulana Azizul Haque Al Umari
Surah Ar-Radوَفِي ٱلۡأَرۡضِ قِطَعٞ مُّتَجَٰوِرَٰتٞ وَجَنَّـٰتٞ مِّنۡ أَعۡنَٰبٖ وَزَرۡعٞ وَنَخِيلٞ صِنۡوَانٞ وَغَيۡرُ صِنۡوَانٖ يُسۡقَىٰ بِمَآءٖ وَٰحِدٖ وَنُفَضِّلُ بَعۡضَهَا عَلَىٰ بَعۡضٖ فِي ٱلۡأُكُلِۚ إِنَّ فِي ذَٰلِكَ لَأٓيَٰتٖ لِّقَوۡمٖ يَعۡقِلُونَ
और धरती में आपस में मिले हुए कई खण्ड हैं और उद्यान (बाग़) हैं अंगूरों के तथा खेती और खजूर के वृक्ष हैं। कुछ एक्हरे और कुछ दोहरे, सब एक ही जल से सींचे जाते हैं और हम कुछ को स्वाद में कुछ से अधिक कर देते हैं, वास्तव में, इसमें बहुत सी निशानियाँ हैं, उन लोगों के लिए, जो सूझ-बूझ रखते हैं।