Surah Ibrahim Verse 22 - Hindi Translation by Suhel Farooq Khan And Saifur Rahman Nadwi
Surah Ibrahimوَقَالَ ٱلشَّيۡطَٰنُ لَمَّا قُضِيَ ٱلۡأَمۡرُ إِنَّ ٱللَّهَ وَعَدَكُمۡ وَعۡدَ ٱلۡحَقِّ وَوَعَدتُّكُمۡ فَأَخۡلَفۡتُكُمۡۖ وَمَا كَانَ لِيَ عَلَيۡكُم مِّن سُلۡطَٰنٍ إِلَّآ أَن دَعَوۡتُكُمۡ فَٱسۡتَجَبۡتُمۡ لِيۖ فَلَا تَلُومُونِي وَلُومُوٓاْ أَنفُسَكُمۖ مَّآ أَنَا۠ بِمُصۡرِخِكُمۡ وَمَآ أَنتُم بِمُصۡرِخِيَّ إِنِّي كَفَرۡتُ بِمَآ أَشۡرَكۡتُمُونِ مِن قَبۡلُۗ إِنَّ ٱلظَّـٰلِمِينَ لَهُمۡ عَذَابٌ أَلِيمٞ
और जब (लोगों का) ख़ैर फैसला हो चुकेगा (और लोग शैतान को इल्ज़ाम देगें) तो शैतान कहेगा कि ख़ुदा ने तुम से सच्चा वायदा किया था (तो वह पूरा हो गया) और मैने भी वायदा तो किया था फिर मैने वायदा ख़िलाफ़ी की और मुझे कुछ तुम पर हुकूमत तो थी नहीं मगर इतनी बात थी कि मैने तुम को (बुरे कामों की तरफ) बुलाया और तुमने मेरा कहा मान लिया तो अब तुम मुझे बुंरा (भला) न कहो बल्कि (अगर कहना है तो) अपने नफ्स को बुरा कहो (आज) न तो मैं तुम्हारी फरियाद को पहुँचा सकता हूँ और न तुम मेरी फरियाद कर सकते हो मै तो उससे पहले ही बेज़ार हूँ कि तुमने मुझे (ख़ुदा का) शरीक बनाया बेशक जो लोग नाफरमान हैं उनके लिए दर्दनाक अज़ाब है