Surah Ibrahim Verse 3 - Hindi Translation by Suhel Farooq Khan And Saifur Rahman Nadwi
Surah Ibrahimٱلَّذِينَ يَسۡتَحِبُّونَ ٱلۡحَيَوٰةَ ٱلدُّنۡيَا عَلَى ٱلۡأٓخِرَةِ وَيَصُدُّونَ عَن سَبِيلِ ٱللَّهِ وَيَبۡغُونَهَا عِوَجًاۚ أُوْلَـٰٓئِكَ فِي ضَلَٰلِۭ بَعِيدٖ
वह कुफ्फार जो दुनिया की (चन्द रोज़ा) ज़िन्दगी को आख़िरत पर तरजीह देते हैं और (लोगों) को ख़ुदा की राह (पर चलने) से रोकते हैं और इसमें ख्वाह मा ख्वाह कज़ी पैदा करना चाहते हैं यही लोग बड़े पल्ले दर्जे की गुमराही में हैं