Surah An-Nahl Verse 115 - Hindi Translation by Maulana Azizul Haque Al Umari
Surah An-Nahlإِنَّمَا حَرَّمَ عَلَيۡكُمُ ٱلۡمَيۡتَةَ وَٱلدَّمَ وَلَحۡمَ ٱلۡخِنزِيرِ وَمَآ أُهِلَّ لِغَيۡرِ ٱللَّهِ بِهِۦۖ فَمَنِ ٱضۡطُرَّ غَيۡرَ بَاغٖ وَلَا عَادٖ فَإِنَّ ٱللَّهَ غَفُورٞ رَّحِيمٞ
जो कुछ उसने तुमपर ह़राम (अवैध) किया है, वह मुर्दार, रक्त और सुअर का मांस है और जिसपर अल्लाह के सिवा दूसरे का नाम लिया गया[1] हो, फिर जो भूख से आतुर हो जाये, इस दशा में कि वह नियम न तोड़ रहा[2] हो और न आवश्यक्ता से अधिक खाये, तो वास्तव में, अल्लाह अति क्षमाशील, दयावान् है।