Surah Al-Isra Verse 46 - Hindi Translation by Muhammad Farooq Khan And Muhammad Ahmed
Surah Al-Israوَجَعَلۡنَا عَلَىٰ قُلُوبِهِمۡ أَكِنَّةً أَن يَفۡقَهُوهُ وَفِيٓ ءَاذَانِهِمۡ وَقۡرٗاۚ وَإِذَا ذَكَرۡتَ رَبَّكَ فِي ٱلۡقُرۡءَانِ وَحۡدَهُۥ وَلَّوۡاْ عَلَىٰٓ أَدۡبَٰرِهِمۡ نُفُورٗا
और उनके दिलों पर भी परदे डाल देते है कि वे समझ न सकें। और उनके कानों में बोझ (कि वे सुन न सकें) । और जब तुम क़ुरआन के माध्यम से अपने रब का वर्णन उसे अकेला बताते हुए करते हो तो वे नफ़रत से अपनी पीठ फेरकर चल देते है