قُلِ ٱدۡعُواْ ٱلَّذِينَ زَعَمۡتُم مِّن دُونِهِۦ فَلَا يَمۡلِكُونَ كَشۡفَ ٱلضُّرِّ عَنكُمۡ وَلَا تَحۡوِيلًا
कह दो, "तुम उससे इतर जिनको भी पूज्य-प्रभु समझते हो उन्हें पुकार कर देखो। वे न तुमसे कोई कष्ट दूर करने का अधिकार रखते है और न उसे बदलने का।
Author: Muhammad Farooq Khan And Muhammad Ahmed