Surah Al-Isra Verse 93 - Hindi Translation by Muhammad Farooq Khan And Muhammad Ahmed
Surah Al-Israأَوۡ يَكُونَ لَكَ بَيۡتٞ مِّن زُخۡرُفٍ أَوۡ تَرۡقَىٰ فِي ٱلسَّمَآءِ وَلَن نُّؤۡمِنَ لِرُقِيِّكَ حَتَّىٰ تُنَزِّلَ عَلَيۡنَا كِتَٰبٗا نَّقۡرَؤُهُۥۗ قُلۡ سُبۡحَانَ رَبِّي هَلۡ كُنتُ إِلَّا بَشَرٗا رَّسُولٗا
या तुम्हारे लिए स्वर्ण-निर्मित एक घर हो जाए या तुम आकाश में चढ़ जाओ, और हम तुम्हारे चढ़ने को भी कदापि न मानेंगे, जब तक कि तुम हम पर एक किताब न उतार लाओ, जिसे हम पढ़ सकें।" कह दो, "महिमावान है मेरा रब! क्या मैं एक संदेश लानेवाला मनुष्य के सिवा कुछ और भी हूँ