إِذۡ قَالَ لِأَبِيهِ يَـٰٓأَبَتِ لِمَ تَعۡبُدُ مَا لَا يَسۡمَعُ وَلَا يُبۡصِرُ وَلَا يُغۡنِي عَنكَ شَيۡـٔٗا
इसमें शक नहीं कि वह बड़े सच्चे नबी थे जब उन्होंने अपने चचा और मुँह बोले बाप से कहा कि ऐ अब्बा आप क्यों, ऐसी चीज़ (बुत) की परसतिश करते हैं जो ने सुन सकता है और न देख सकता है
Author: Suhel Farooq Khan And Saifur Rahman Nadwi