وَلِلَّهِ ٱلۡمَشۡرِقُ وَٱلۡمَغۡرِبُۚ فَأَيۡنَمَا تُوَلُّواْ فَثَمَّ وَجۡهُ ٱللَّهِۚ إِنَّ ٱللَّهَ وَٰسِعٌ عَلِيمٞ
तथा पूर्व और पश्चिम अल्लाह ही के हैं; तुम जिधर भी मुख करो[1], उधर ही अल्लाह का मुख है और अल्लाह विशाल अति ज्ञानी है।
Author: Maulana Azizul Haque Al Umari