إِلَّا ٱلَّذِينَ تَابُواْ وَأَصۡلَحُواْ وَبَيَّنُواْ فَأُوْلَـٰٓئِكَ أَتُوبُ عَلَيۡهِمۡ وَأَنَا ٱلتَّوَّابُ ٱلرَّحِيمُ
जिन लोगों ने तौबा (क्षमा याचना) कर ली और सुधार कर लिया और उजागर कर दिया, तो मैं उनकी तौबा स्वीकार कर लूँगा तथा मैं अत्यंत क्षमाशील, दयावान् हूँ।
Author: Maulana Azizul Haque Al Umari