Surah Al-Baqara Verse 164 - Hindi Translation by Muhammad Farooq Khan And Muhammad Ahmed
Surah Al-Baqaraإِنَّ فِي خَلۡقِ ٱلسَّمَٰوَٰتِ وَٱلۡأَرۡضِ وَٱخۡتِلَٰفِ ٱلَّيۡلِ وَٱلنَّهَارِ وَٱلۡفُلۡكِ ٱلَّتِي تَجۡرِي فِي ٱلۡبَحۡرِ بِمَا يَنفَعُ ٱلنَّاسَ وَمَآ أَنزَلَ ٱللَّهُ مِنَ ٱلسَّمَآءِ مِن مَّآءٖ فَأَحۡيَا بِهِ ٱلۡأَرۡضَ بَعۡدَ مَوۡتِهَا وَبَثَّ فِيهَا مِن كُلِّ دَآبَّةٖ وَتَصۡرِيفِ ٱلرِّيَٰحِ وَٱلسَّحَابِ ٱلۡمُسَخَّرِ بَيۡنَ ٱلسَّمَآءِ وَٱلۡأَرۡضِ لَأٓيَٰتٖ لِّقَوۡمٖ يَعۡقِلُونَ
निस्संदेह आकाशों और धरती की संरचना में, और रात और दिन की अदला-बदली में, और उन नौकाओं में जो लोगों की लाभप्रद चीज़े लेकर समुद्र (और नदी) में चलती है, और उस पानी में जिसे अल्लाह ने आकाश से उतारा, फिर जिसके द्वारा धरती को उसके निर्जीव हो जाने के पश्चात जीवित किया और उसमें हर एक (प्रकार के) जीवधारी को फैलाया और हवाओं को गर्दिश देने में और उन बादलों में जो आकाश और धरती के बीच (काम पर) नियुक्त होते है, उन लोगों के लिए कितनी ही निशानियाँ है जो बुद्धि से काम लें