وَأَنفِقُواْ فِي سَبِيلِ ٱللَّهِ وَلَا تُلۡقُواْ بِأَيۡدِيكُمۡ إِلَى ٱلتَّهۡلُكَةِ وَأَحۡسِنُوٓاْۚ إِنَّ ٱللَّهَ يُحِبُّ ٱلۡمُحۡسِنِينَ
तथा अल्लाह की राह (जिहाद) में धन ख़र्च करो और अपने-आपको विनाश में न डालो तथा उपकार करो, निश्चय अल्लाह उपकारियों से प्रेम करता है।
Author: Maulana Azizul Haque Al Umari