Surah Al-Baqara Verse 220 - Hindi Translation by Maulana Azizul Haque Al Umari
Surah Al-Baqaraفِي ٱلدُّنۡيَا وَٱلۡأٓخِرَةِۗ وَيَسۡـَٔلُونَكَ عَنِ ٱلۡيَتَٰمَىٰۖ قُلۡ إِصۡلَاحٞ لَّهُمۡ خَيۡرٞۖ وَإِن تُخَالِطُوهُمۡ فَإِخۡوَٰنُكُمۡۚ وَٱللَّهُ يَعۡلَمُ ٱلۡمُفۡسِدَ مِنَ ٱلۡمُصۡلِحِۚ وَلَوۡ شَآءَ ٱللَّهُ لَأَعۡنَتَكُمۡۚ إِنَّ ٱللَّهَ عَزِيزٌ حَكِيمٞ
दुनिया और आख़रित दोनो में और वे आपसे अनाथों के विषय में प्रश्ण करते हैं। उनसे कह दीजिए कि जिस बात में उनका सुधार हो वही सबसे अच्छी है। यदि तुम उनसे मिलकर रहो, तो वे तुम्हारे भाई ही हैं और अल्लाह जानता है कि कौन सुधारने और कौन बिगाड़ने वाला है और यदि अल्लाह चाहता, तो तुमपर सख्ती[1] कर देता। वास्तव में, अल्लाह प्रभुत्वशाली, तत्वज्ञ है।