Surah Al-Baqara Verse 237 - Hindi Translation by Suhel Farooq Khan And Saifur Rahman Nadwi
Surah Al-Baqaraوَإِن طَلَّقۡتُمُوهُنَّ مِن قَبۡلِ أَن تَمَسُّوهُنَّ وَقَدۡ فَرَضۡتُمۡ لَهُنَّ فَرِيضَةٗ فَنِصۡفُ مَا فَرَضۡتُمۡ إِلَّآ أَن يَعۡفُونَ أَوۡ يَعۡفُوَاْ ٱلَّذِي بِيَدِهِۦ عُقۡدَةُ ٱلنِّكَاحِۚ وَأَن تَعۡفُوٓاْ أَقۡرَبُ لِلتَّقۡوَىٰۚ وَلَا تَنسَوُاْ ٱلۡفَضۡلَ بَيۡنَكُمۡۚ إِنَّ ٱللَّهَ بِمَا تَعۡمَلُونَ بَصِيرٌ
और अगर तुम उन औरतों का मेहर तो मुअय्यन कर चुके हो मगर हाथ लगाने के क़ब्ल ही तलाक़ दे दो तो उन औरतों को मेहर मुअय्यन का आधा दे दो मगर ये कि ये औरतें ख़ुद माफ कर दें या उन का वली जिसके हाथ में उनके निकाह का एख्तेयार हो माफ़ कर दे (तब कुछ नही) और अगर तुम ही सारा मेहर बख्श दो तो परहेज़गारी से बहुत ही क़रीब है और आपस की बुर्ज़ुगी तो मत भूलो और जो कुछ तुम करते हो ख़ुदा ज़रुर देख रहा है