Surah Al-Baqara Verse 237 - Hindi Translation by Maulana Azizul Haque Al Umari
Surah Al-Baqaraوَإِن طَلَّقۡتُمُوهُنَّ مِن قَبۡلِ أَن تَمَسُّوهُنَّ وَقَدۡ فَرَضۡتُمۡ لَهُنَّ فَرِيضَةٗ فَنِصۡفُ مَا فَرَضۡتُمۡ إِلَّآ أَن يَعۡفُونَ أَوۡ يَعۡفُوَاْ ٱلَّذِي بِيَدِهِۦ عُقۡدَةُ ٱلنِّكَاحِۚ وَأَن تَعۡفُوٓاْ أَقۡرَبُ لِلتَّقۡوَىٰۚ وَلَا تَنسَوُاْ ٱلۡفَضۡلَ بَيۡنَكُمۡۚ إِنَّ ٱللَّهَ بِمَا تَعۡمَلُونَ بَصِيرٌ
और यदि तुम उनहें, उनसे संभोग करने से पहले तलाक़ दो, इस स्थिति में कि तुमने उनके लिए महर (विवाह उपहार) निर्धारित किया है, तो निर्धारित महर का आधा देना अनिवार्य है। ये और बात है कि वे क्षमा कर दें अथवा वे क्षमा कर दें जिनके हाथ में विवाह का बंधन[1] है और क्षमा कर देना संयम से अधिक समीप है और आपस में उपकार को न भूलो। तुम जो कुछ कर रहे हो, अल्लाह सब देख रहा है।