Surah Al-Baqara Verse 262 - Hindi Translation by Maulana Azizul Haque Al Umari
Surah Al-Baqaraٱلَّذِينَ يُنفِقُونَ أَمۡوَٰلَهُمۡ فِي سَبِيلِ ٱللَّهِ ثُمَّ لَا يُتۡبِعُونَ مَآ أَنفَقُواْ مَنّٗا وَلَآ أَذٗى لَّهُمۡ أَجۡرُهُمۡ عِندَ رَبِّهِمۡ وَلَا خَوۡفٌ عَلَيۡهِمۡ وَلَا هُمۡ يَحۡزَنُونَ
जो अपना धन अल्लाह की राह में दान करते हैं, फिर दान करने के पश्चात् उपकार नहीं जताते और न (जिसे दिया हो उसे) दुःख देते हैं, उन्हीं के लिए उनके पालनहार के पास उनका प्रतिकार (बदला) है और उनपर कोई डर नहीं होगा और न ही वे उदासीन[1] होंगे।