خَتَمَ ٱللَّهُ عَلَىٰ قُلُوبِهِمۡ وَعَلَىٰ سَمۡعِهِمۡۖ وَعَلَىٰٓ أَبۡصَٰرِهِمۡ غِشَٰوَةٞۖ وَلَهُمۡ عَذَابٌ عَظِيمٞ
अल्लाह ने उनके दिलों तथा कानों पर मुहर लगा दी है और उनकी आंखों पर पर्दे पड़े हैं तथा उन्हीं के लिए घोर यातना है।
Author: Maulana Azizul Haque Al Umari