قَالَ أَفَتَعۡبُدُونَ مِن دُونِ ٱللَّهِ مَا لَا يَنفَعُكُمۡ شَيۡـٔٗا وَلَا يَضُرُّكُمۡ
इब्राहीम ने कहाः तो क्या तुम इबादत (वंदना) अल्लाह के सिवा उसकी करते हो, जो न तुम्हें कुछ लाभ पहुँचा सकते हैं और न तुम्हें हानि पहूँचा सकते हैं
Author: Maulana Azizul Haque Al Umari