أَرَءَيۡتَ مَنِ ٱتَّخَذَ إِلَٰهَهُۥ هَوَىٰهُ أَفَأَنتَ تَكُونُ عَلَيۡهِ وَكِيلًا
क्या तुमने उस शख्स को भी देखा है जिसने अपनी नफ़सियानी ख्वाहिश को अपना माबूद बना रखा है तो क्या तुम उसके ज़िम्मेदार हो सकते हो (कि वह गुमराह न हों)
Author: Suhel Farooq Khan And Saifur Rahman Nadwi