Surah Aal-e-Imran Verse 146 - Hindi Translation by Suhel Farooq Khan And Saifur Rahman Nadwi
Surah Aal-e-Imranوَكَأَيِّن مِّن نَّبِيّٖ قَٰتَلَ مَعَهُۥ رِبِّيُّونَ كَثِيرٞ فَمَا وَهَنُواْ لِمَآ أَصَابَهُمۡ فِي سَبِيلِ ٱللَّهِ وَمَا ضَعُفُواْ وَمَا ٱسۡتَكَانُواْۗ وَٱللَّهُ يُحِبُّ ٱلصَّـٰبِرِينَ
और (मुसलमानों तुम ही नहीं) ऐसे पैग़म्बर बहुत से गुज़र चुके हैं जिनके साथ बहुतेरे अल्लाह वालों ने (राहे खुदा में) जेहाद किया और फिर उनको ख़ुदा की राह में जो मुसीबत पड़ी है न तो उन्होंने हिम्मत हारी न बोदापन किया (और न दुशमन के सामने) गिड़गिड़ाने लगे और साबित क़दम रहने वालों से ख़ुदा उलफ़त रखता है