Surah An-Nisa Verse 100 - Hindi Translation by Maulana Azizul Haque Al Umari
Surah An-Nisa۞وَمَن يُهَاجِرۡ فِي سَبِيلِ ٱللَّهِ يَجِدۡ فِي ٱلۡأَرۡضِ مُرَٰغَمٗا كَثِيرٗا وَسَعَةٗۚ وَمَن يَخۡرُجۡ مِنۢ بَيۡتِهِۦ مُهَاجِرًا إِلَى ٱللَّهِ وَرَسُولِهِۦ ثُمَّ يُدۡرِكۡهُ ٱلۡمَوۡتُ فَقَدۡ وَقَعَ أَجۡرُهُۥ عَلَى ٱللَّهِۗ وَكَانَ ٱللَّهُ غَفُورٗا رَّحِيمٗا
तथा जो कोई अल्लाह की राह में हिजरत करेगा, वह धरती में बहुत-से निवास स्थान तथा विस्तार पायेगा और जो अपने घर से अल्लाह और उसके रसूल की ओर निकल गया, फिर उसे (राह में ही) मौत ने पकड़ लिया, तो उसका प्रतिफल अल्लाह के पास निश्चित हो गया और अल्लाह अति क्षमाशील, दयावान् है।