Surah An-Nisa Verse 100 - Hindi Translation by Suhel Farooq Khan And Saifur Rahman Nadwi
Surah An-Nisa۞وَمَن يُهَاجِرۡ فِي سَبِيلِ ٱللَّهِ يَجِدۡ فِي ٱلۡأَرۡضِ مُرَٰغَمٗا كَثِيرٗا وَسَعَةٗۚ وَمَن يَخۡرُجۡ مِنۢ بَيۡتِهِۦ مُهَاجِرًا إِلَى ٱللَّهِ وَرَسُولِهِۦ ثُمَّ يُدۡرِكۡهُ ٱلۡمَوۡتُ فَقَدۡ وَقَعَ أَجۡرُهُۥ عَلَى ٱللَّهِۗ وَكَانَ ٱللَّهُ غَفُورٗا رَّحِيمٗا
और जो शख्स ख़ुदा की राह में हिजरत करेगा तो वह रूए ज़मीन में बा फ़राग़त (चैन से रहने सहने के) बहुत से कुशादा मक़ाम पाएगा और जो शख्स अपने घर से जिलावतन होके ख़ुदा और उसके रसूल की तरफ़ निकल ख़ड़ा हुआ फिर उसे (मंज़िले मक़सूद) तक पहुंचने से पहले मौत आ जाए तो ख़ुदा पर उसका सवाब लाज़िम हो गया और ख़ुदा तो बड़ा बख्श ने वाला मेहरबान है ही