Surah An-Nisa Verse 64 - Hindi Translation by Maulana Azizul Haque Al Umari
Surah An-Nisaوَمَآ أَرۡسَلۡنَا مِن رَّسُولٍ إِلَّا لِيُطَاعَ بِإِذۡنِ ٱللَّهِۚ وَلَوۡ أَنَّهُمۡ إِذ ظَّلَمُوٓاْ أَنفُسَهُمۡ جَآءُوكَ فَٱسۡتَغۡفَرُواْ ٱللَّهَ وَٱسۡتَغۡفَرَ لَهُمُ ٱلرَّسُولُ لَوَجَدُواْ ٱللَّهَ تَوَّابٗا رَّحِيمٗا
और हमने जो भी रसूल भेजा, वो इसलिए, ताकि अल्लाह की अनुमति से, उसकी आज्ञा का पालन किया जाये और जब उन लोगों ने अपने ऊपर अत्याचार किया, तो यदि वे आपके पास आते, फिर अल्लाह से क्षमा याचना करते तथा उनके लिए रसूल क्षमा की प्रार्थना करते, तो अल्लाह को अति क्षमाशील दयावान् पाते।