Surah An-Nisa Verse 64 - Hindi Translation by Muhammad Farooq Khan And Muhammad Ahmed
Surah An-Nisaوَمَآ أَرۡسَلۡنَا مِن رَّسُولٍ إِلَّا لِيُطَاعَ بِإِذۡنِ ٱللَّهِۚ وَلَوۡ أَنَّهُمۡ إِذ ظَّلَمُوٓاْ أَنفُسَهُمۡ جَآءُوكَ فَٱسۡتَغۡفَرُواْ ٱللَّهَ وَٱسۡتَغۡفَرَ لَهُمُ ٱلرَّسُولُ لَوَجَدُواْ ٱللَّهَ تَوَّابٗا رَّحِيمٗا
हमने जो रसूल भी भेजा, इसलिए भेजा कि अल्लाह की अनुमति से उसकी आज्ञा का पालन किया जाए। और यदि यह उस समय, जबकि इन्होंने स्वयं अपने ऊपर ज़ुल्म किया था, तुम्हारे पास आ जाते और अल्लाह से क्षमा की प्रार्थना करता तो निश्चय ही वे अल्लाह को अत्यन्त क्षमाशील और दयावान पाते