لَّا يَأۡتِيهِ ٱلۡبَٰطِلُ مِنۢ بَيۡنِ يَدَيۡهِ وَلَا مِنۡ خَلۡفِهِۦۖ تَنزِيلٞ مِّنۡ حَكِيمٍ حَمِيدٖ
कि झूठ न तो उसके आगे फटक सकता है और न उसके पीछे से और खूबियों वाले दाना (ख़ुदा) की बारगाह से नाज़िल हुई है
Author: Suhel Farooq Khan And Saifur Rahman Nadwi