وَهُوَ ٱلَّذِي يُنَزِّلُ ٱلۡغَيۡثَ مِنۢ بَعۡدِ مَا قَنَطُواْ وَيَنشُرُ رَحۡمَتَهُۥۚ وَهُوَ ٱلۡوَلِيُّ ٱلۡحَمِيدُ
तथा वही है, जो वर्षा करता है इसके पश्चात् कि लोग निराश हो जायें तथा फैला[1] देता है अपनी दया और वही संरक्षक, सराहनीय है।
Author: Maulana Azizul Haque Al Umari