(ऐ कुफ्फ़ार मक्का) हम तो तुम्हारे पास हक़ लेकर आयें हैं तुम मे से बहुत से हक़ (बात से चिढ़ते) हैं
Author: Suhel Farooq Khan And Saifur Rahman Nadwi