ذَٰلِكَ بِأَنَّهُمُ ٱتَّبَعُواْ مَآ أَسۡخَطَ ٱللَّهَ وَكَرِهُواْ رِضۡوَٰنَهُۥ فَأَحۡبَطَ أَعۡمَٰلَهُمۡ
ये इसलिए कि वे चले उस राह पर, जिसने अप्रसन्न कर दिया अल्लाह को तथा उन्होंने बुरा माना उसकी प्रसन्नता को, तो उसने व्यर्थ कर दिया उनके कर्मों को।
Author: Maulana Azizul Haque Al Umari