Surah Al-Fath Verse 26 - Hindi Translation by Maulana Azizul Haque Al Umari
Surah Al-Fathإِذۡ جَعَلَ ٱلَّذِينَ كَفَرُواْ فِي قُلُوبِهِمُ ٱلۡحَمِيَّةَ حَمِيَّةَ ٱلۡجَٰهِلِيَّةِ فَأَنزَلَ ٱللَّهُ سَكِينَتَهُۥ عَلَىٰ رَسُولِهِۦ وَعَلَى ٱلۡمُؤۡمِنِينَ وَأَلۡزَمَهُمۡ كَلِمَةَ ٱلتَّقۡوَىٰ وَكَانُوٓاْ أَحَقَّ بِهَا وَأَهۡلَهَاۚ وَكَانَ ٱللَّهُ بِكُلِّ شَيۡءٍ عَلِيمٗا
जब काफ़िरों ने अपने दिलों में पक्षपात को स्थान दे दिया, जो वास्तव में जाहिलाना पक्षपात है, तो अल्लाह ने अपने रसूल पर तथा ईमान वालों पर शान्ति उतार दी तथा उन्हें पाबन्द रखा सदाचार की बात का तथा वे[1] उसके अधिक योग्य और पात्र थे तथा अल्लाह प्रत्येक वस्तु को भली-भाँति जानने वाला है।